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लौगिंग एवं ढुलान

पातन,लौगिग एवं ढुलान

उत्तर प्रदेश वन निगम द्वारा वनों में कार्य करने हेतु कटान चिरान की शर्ते व आदेशों के अनुरुप वन विभाग द्वारा वन सम्पदा का आवंटन उत्तर प्रदेश वन निगम को निस्तारण हेतु किया जाता है। प्रकाष्ठ व लौटों को वन विभाग से प्राप्त करने तथा उनका निस्तारण करने की कार्यशैली निर्धारित नियमों व शर्तों के अन्तर्गत होगी।

  • वन विभाग का वनवर्धनिक नियन्त्रण वर्ष 01 अक्टूबर से 30 जून तक होता है, इसी अवधि में वन विभाग द्वारा छपान कार्य किया जाता है। छपान के क्षेत्र कार्ययोजना के अनुसार पूर्व से निर्धारित रहते है। प्रभागीय लौगिग प्रबन्धक तथा क्षेत्रीय प्रबन्धकों से यह अपेक्षा की जाती है कि वह चालू कार्ययोजना के अनुसार छपान क्षेत्रों का विवरण तैयार कर अपने पास रखें।

वन विभाग के पास आयोजनोत्तर बजट में धनराशि की कमी के कारण वन निगम के प्रबन्ध मण्डल ने यह निश्चित किया है कि छपान के लिये धन वन निगम देगा। अतः समस्त प्रभागीय लौगिंग प्रबन्धक अपने कार्यक्षेत्र से सम्बंधित प्रभागीय वनाधिकारियों से छपान धनराशि की माँग यथा समय प्राप्त कर उसका प्रभाग के बजट में प्राविधान करेंगे।

  • उत्तर प्रदेश शासन के स्थायी आदेशों के अनुसार मुख्य छपान की सूचियाँ 31 जूलाई तक तथा बहती,कल्चर व पूरक लौटो की सूचियाँ 31 दिसम्बर तक वन निगम को प्राप्त करा दिये जाने के आदेश है। महाप्रबन्धक तथा क्षेत्रीय प्रबन्धक विक्रय सूचियाँ निर्धारित अवधि में प्राप्त करनें हेतु सम्बंधित वनाधिकारियों से सम्पर्क रखेगें।
  • सेक्शन अधिकारी विक्रय सूची प्राप्त होने के 15 दिनों के अन्दर लाटों का निरीक्षण करेंगे, तथा छपान सूची में दर्शित विवरणानुसार छपे हुए वृक्षों का मिलान कर एक माह की अवधि में लौट में विक्रय सूची के अनुरुप वृक्षों की संख्या, प्रजाति, व्यास वर्ग, छपान वर्गीकरण सही होने के सम्बन्ध में लिखित रिपोर्ट प्रभागीय लौगिंग प्रबन्धक को भेजेंगे।
  • यदि लौट में वन विभाग द्वारा प्रदत्त विक्रय सूची के अनुरुप वृक्ष उपलब्ध नहीं होते हैं यथा वृक्षों की प्रजाति, संख्या, व्यास वर्ग, ठोस, योग्य, अयोग्य के वर्गीकरण, साइट क्वालिटी का निर्धारण में असमानता पाई जाती है तो इकाई अधिकारी तुरन्त अनुभाग अधिकारी को विसंगति की सूचना प्रस्तुत करेंगे। अनुभाग अधिकारी उक्त की पुष्टि करेंगे तथा निरीक्षण के आधार पर प्रभागीय लौगिंग प्रबन्धक को विसंगति निवारण कार्यवाही हेतु अगले पांच दिन के अन्दर रिपोर्ट प्रस्तुत करेंगे।

प्रभागीय लौगिंग प्रबन्धक उपरोक्त रिपोर्ट प्राप्त होने पर स्वयं लौट का निरीक्षण कर अपना प्रतिवेदन लाट प्राप्ति की तिथि के एक माह के अन्तर्गत सम्बंधित प्रभागीय वनाधिकारी को प्रस्तुत करेंगे, जिसमें छपान सूची की कमियों/त्रुटियों को स्पष्ट रुप से इंगित करते हुए लौट के छपान के पुनिरीक्षण/संयुक्त निरीक्षण हेतु लिखेंगे। इस पत्र की प्रति सम्बंधित राजि अधिकारी व अनुभाग अधिकारी को भी पृष्ठांकित की जायेगी। ऐसे लौटों का अधिग्रहण जब तक नही किया जायेगा जब तक कि छपान सूचियों में आवश्यक संशोधन तथा विसंगतियों का निवारण न हो गया हो।

  • प्राप्त विक्रय सूचियों के वृक्षों के आयतन की गणना कार्यालय सहायक वर्ग-3(लौंगिग)द्वारा कराई जायेगी। यह गणना निम्न दो प्रकार से कराई जायेगी।
  • रायल्टी भुगतान हेतु- अतिरिक्त् मुख्य अरण्यपाल(प्रबन्ध), उत्तर प्रदेश, नैनीताल की पत्र संख्या-1788-टी0सी/37-7-1(1) दिनांकः नैनीताल जून 26, 1978 एवं अन्य सम्बंधित आदेशों के अनुरुप वृक्षों के ठोस, योग्य, अयोग्य के वर्गीकरण के आधार पर गणना की जायेगी। आरक्षित वनों में यूकेलिप्टस के लाटों का आयतन अपर मुख्य वन संरक्षक वन प्रबन्ध उ0प्र0 नैनीताल के पत्रांक 1/37-13/यूकेलिप्टस दिनांक 04.08.84 से वृक्ष गुणता क्वालिटी के आधार पर यूकेलिप्टस वृक्षों का आयतन निकाला जायेगा। इसका मिलान सम्बंधित वनाधिकारी से भी कराया जायेगा।
  • उत्पादन नियंत्रण हेतु- आवंटित समस्त वृक्षों को ठोस(चौडी पत्ती के प्रजाति के वृक्षों हेतु) योग्य(शंकुधारी प्रजाति के वृक्षों तथा खैर प्रजाति हेतु) मानते हुए आयतन की गणना की जायेगी।
  • उत्पादन नियंत्रण हेतु आयतन की गणना करते समय सूखे वृक्षों का आयतन उसी तरह निकाला जाय जिस प्रकार हरे वृक्षों का आयतन निकाला जाता है। सूखे वृक्षों का आयतन किसी भी दशा में तीन चौथाई न किया जाये केवल रायल्टी की गणना करते समय सूखे वृक्षों के लिये तीन चौथाई आयतन किया जायेगा।

  • उत्पादन नियन्त्रण हेतु प्राप्त आयतन गणना के आधार पर अनुभाग एवं इकाईयों का गठन व उनके मुख्यालयों का प्रस्ताव तैयार कर प्रभागीय लौगिंग प्रबन्धक सम्बन्धित क्षेत्रीय प्रबन्धक को अनुमोदनार्थ प्रस्तुत करेंगे। प्रस्ताव में प्रत्येक अनुभाग व इकाई के लिए क्रमशः अनुभाग अधिकारी त्था इकाई अधिकारी के नाम का प्रस्ताव भी प्रेषित किया जायेगा। क्षेत्रीय प्रबन्धक एक सप्ताह की अवधि में अपना निर्णय प्रभागीय लौगिग प्रबन्धक को सूचित करेंगे।

इकाई में स्टाफ़ की तैनाती प्रभागीय लौगिग प्रबन्धक क्षेत्रीय प्रबन्धक के अनुमोदन के अनुसार अनुभाग अधिकारियों का तथा आवश्यकतानुसार एवं विवेकानुसार अन्य फ़ील्ड कार्मिकों की तैनाती आदेश निर्गत करेंगे। तैनाती के वरिष्ठता व योग्यता दोनो का ध्यान रखा जायेगा। को सूचित करेंगे।

प्रभागीय लौगिग प्रबन्धक प्रभाग के समस्त अनुभाग अधिकारियों, इकाई अधिकारियों व अन्य कर्मचारियों की लौटवार तैनाती की सूचना सम्बन्धित प्रभागीय वनाधिकारियों को प्रेषित करेंगे व समय-समय पर लाटो के लिए किये जाने वाली तैनाती/संशोधन की सूचना भी देते रहेंगे।

प्रभागीय लौगिग प्रबन्धक सम्बन्धित प्रभागीय वनाधिकारी के माध्यम से सम्पत्ति चिन्‍ह का पंजीकरण/नवीनीकरण घन कराने की कार्यवाही करेंगे।

प्रभागीय लौगिग प्रबन्धक प्रत्येक लौट के लिए पासिग घन का पंजीकरण करवाकर सम्बन्धित इकाईयों को जारी करेंगे। पासिंग घनो की प्राप्ति व निस्तारण का विवरण एक पंजिका में रखा जाएगा तथा गत वर्ष के प्रयोगशुदा घनो से प्रारूप को समाप्त कर सुरक्षित रखा जायेगा। तथा इस प्रकार नष्ट किया जाएगा ताकि उनका दुरुपयोग न हो सके।

प्रभागीय लौगिग प्रबन्धक विदोहन कार्य के लिए आवश्यक उपकरणों, प्रयोज्य सामग्रियों, अभिलेखों लेखन सामग्री की आवश्यकता का विवरण एकत्र कर सम्बन्धित अनुभाग /इकाई अधिकारियों को आपूर्ति करेंगे। उपरोक्त समस्त उपकरणों/सामग्रियों का प्राविधान प्रभागीय लौगिग प्रबन्धक प्रभागीय बजट में करेंगे।

प्रभागीय लौगिग प्रबन्धक अपने प्रभाग के समस्त फ़ील्ड कर्मचारियों व अधिकारियों का एक दिवसीय प्रशिक्षण कार्य आरम्भ करने पूर्व किसी एक स्थान पर आयोजित करेगें जिसमें क्षेत्रीय प्रबन्धक व अन्य अधिकारियों द्वारा आवश्यक तकनीकी प्रशिक्षण दिया जायेगा व समस्त आदेशों/निर्देशों की जानकारी दी जायेगी।

प्रभागीय लौगिग प्रबन्धक लाटों के अधिग्रहण किये जाने के सम्बन्ध में अपने अधीनस्थ कर्मचारियों को स्पष्ठ निर्देश जारी करेगें तथा प्रभागीय वनाधिकारियों से पातन की अनुमति प्राप्त करेगें।

इकाई अधिकारी से लाट में छपान के सम्बन्ध सूचना प्राप्त होते ही अनुभाग अधिकारी लौट की "उत्काष्ठन योजना"(लागिंग प्लान) निर्धारित प्रारूप में सम्बन्धित इकाई अधिकारी के परामर्श से तैयार कर प्रभागीय लौगिग प्रबन्धक को प्रस्तुत करेंगे। लागिंग प्लान मे अनुश्रवण अधिकारी के साथ-साथ इकाई अधिकारी के भी हस्ताक्षर होंगे।

लौटों की उत्काष्ठन योजना (लौगिंग प्लान) प्राप्त होने के पश्चात प्रभागीय लौगिंग प्रबन्धक उनका परीक्षण करेंगे तथा सम्बन्धित अनुभाग अधिकारी के माध्यम से इकाई अधिकारी को लौट अधिग्रहण की स्वीकृति प्रदान करेंगे लौगिंग प्लान में अंकित विभिन्न दूरियों को प्रभागीय लागिंग अधिकारी प्रमाणित करेगें अथवा विसंगति की दशा में वास्तविक दूरी स्वयं अंकित करेंगे| लौगिंग प्लान बनाते समय लाट की अनुमानित लाभ हानि का आंकलन भी प्रभागीय लौगिंग प्रबन्धक अपनी अग्रेषण आख्या के साथ प्रस्तुत करेगें| प्रभागीय लौगिंग प्रबन्धक उत्काष्ठन योजना को क्षेत्रीय प्रबन्धक को अनुमोदनार्थ प्रस्तुत करेगें| क्षेत्रीय प्रबन्धक उन उत्काष्ठन योजनाओं का परीक्षण कर अनुमोदन की कार्यवाही करेगें|

क्षेत्रीय प्रबन्धक से प्राप्त अनुमोदन की सूचना अनुभाग/इकाई अधिकारी को प्रभागीय लौगिंग प्रबन्धक के द्वारा दी जायेगी|

लौटो में कार्य आरम्भ करने की सूचना इकाई अधिकारी द्वारा राजि अधिकारी को दी जायेगी तथा अनुभाग अधिकारी के माध्यम से प्रभागीय लौगिंग प्रबन्धक को भी प्रस्तुत करेगें|

इकाई अधिकारी श्रमिकों को उनकी संख्या के अनुरूप लौट के क्षेत्रों का विभाजन कर कार्यावंटन करेगें| इकाई में स्केलर (गिरान) सुनिश्चित करेगें कि केवल छपे हुए वृक्षों का ही पातन किया जाय, वृक्षों के गिरान के दौरान अन्य वृक्षों/सम्पदा को किसी प्रकार की क्षति न हो| यदि वृक्ष गिरान की प्रक्रिया से किसी प्रकार की क्षति होती है तो इकाई अधिकारी तुरन्त उस क्षति की सूचना सम्बन्धित वन संरक्षक/फैलिंग आफिसर को देगें व प्रति राजि अधिकारी तथा अनुभाग अधिकारी को पृष्ठांकित करेंगे|

वृक्ष गिरान से पूर्व यह सुनिश्चित कर लिया जाय कि उसे किस दिशा में गिराया जाना उचित होगा| वृक्ष गिराने से पूर्व जनसाधारण के जान माल की सुरक्षा का ध्यान रखा जाए| यदि वृक्ष की शाखा तराशी (लौपिंग) आवश्यक हो तो यह अवश्य करायी जाय| जिस तरफ पेड को गिराना हो उसी तरफ छाती की उंचाई पर मार्किगं का निशान लगाया जाएगा|

वृक्ष गिरान से पूर्व वृक्ष के निचले भाग व छाती की उंचाई के छपान का भली प्रकार निरीक्षण किया जाय व छपान क्रमांक नोट कर ‍िलया जाय| वृक्ष गिरान के तुरन्त पश्चात ठूँठ पर इकाई का सम्पत्ति घन का निशान अवश्य अंकित किया जाय| वृक्ष के ठूँठ पर निम्न सूचनाएं अवश्य लिखी जाय| छपान क्रमांक/गिरान क्रंमाक/ठूँठ की गोलाई से०मी० में|

लाट प्रभारी स्केलर के पास लाट की विक्रय सूची मौके पर अवश्‍य रहनी चाहिए|

पारण घन लगाने का कार्य चौकीदार द्वारा पारण स्केलर के निर्देशन में सम्पादित किया जायेगा| घन का प्रतिरूप पहले काले रंग के पैड में डुबाया जायेगा व तत्पश्चात प्रकाष्ठ में लगाया जाएगा ताकि उसका प्रतिरूप प्रकाष्ठ में स्पष्ट दिखायी दे| गोल प्रकाष्ठ के दोनों सिरों पर दो-दो घन लगाए जायेंगे|

सभी प्रकार के प्रकाष्ठ में लठठों के दोनो सिरों पर प्रभाग द्वारा पंजीकृत कराये गये सम्पत्ति चिन्ह का खुदान कराया जाना आवश्यक है|

अनुभाग अधिकारी अपने निरीक्षण में वृक्ष गिरान, मुछान,पछान,चिरान, पारण आदि का निरीक्षण करेंगे व लाट के कार्यो की कमियों/त्रुटियों के निराकरण हेतु निर्देश निर्गत करेंगे तथा उपने दैनन्दिनी में दिए निर्देशों का उल्लेख भी करेंगे कि इकाई अधिकारी द्वारा श्रमिकों को क्या निर्देश दिए गए है व उनके अनुपालन को भी देखेगें| अनुभाग अधिकारी प्रत्येक लाट में 5 प्रतिशत चिरान के पारण का निरीक्षण भी करेगें|

उत्काष्ठन योजना में दर्शित व प्रभागीय लौगिंग प्रबन्धक द्वारा स्वीकृत माध्यम से भी मार्गस्थ डिपो तक ढुलान कार्य इस प्रकार सम्पादित कराया जाए जिससे प्रकाष्ठ को किसी प्रकार की क्षति न पहुचें|

प्रकाष्ठ का भण्डारण नपत कर किया जाए एवं उसका विवरण प्रपत्र संख्या 1.10 में भरा जाए| मार्गस्थ डिपो में प्रकाष्ठ प्राप्त व भण्डारण अभिलेखन का कार्य स्केलर (निकासी) द्वारा सम्पादित कराया जायेगा| प्रकाष्ठ की सुरक्षा का उत्तरदायित्व सेक्शन अधिकारी का होगा वह देखरेख का कार्य चौकीदार (निकासी) प्रकाष्ठ की हानि के लिए उत्तरदायी रहेगा|

मार्गस्थ डिपो से प्रकाष्ठ की निकासी से पूर्व सकेलर(निकासी)/इकाई अधिकारी सुनिश्चित करेगें कि निकासी केवल उन्हीं ट्रकों के माध्यम से की जाए जिनकी सूची प्रभागीय लौगिंग प्रबन्धक द्वारा जारी की गई हो| ट्रक में प्रकाष्ठ का लदान करते समय निम्न बिन्दुओं पर ध्यान देने का दायित्व स्केेलर निकासी का होगा|

  • प्रत्येक नग पर सम्पत्ति चिन्ह का खुदान अंकित होना
  • प्रत्येक नग पर पारण क्रमांक व नपत का अंकित होना|
  • यदि कोई टूटा हुआ नग निकासी करना हो तो जिस सीमा तक उसकी लम्बाई अभिलेखों रवन्नों में अंकित की जानी हो तक एक रेखा का निशान डाला जाए ताकि डिपो में निरीक्षण के समय लम्बाई में सन्देह उत्पन्न न हो|
  • जिन नगों पर पारण क्रमांक मिट गया हो तो उन पर मार्गस्थ डिपो में नपत लिखी जाय व मार्गस्थ डिपो का अस्थायी क्रमांक कोड अलग से अंकित किया जाय|
  • किसी भी ट्रक से दूसरी बार निकासी करने से पूर्व उसके चालक से पिछली निकासी के स्वरूप प्रपत्र संख्या 3.3 की प्रति प्राप्त कर ली जाय| यदि ट्रक चालक पिछली के विरूद्ध प्रपत्र संख्या 3.3 प्रस्तुत करने में असमर्थ रहते है तो डिपो से सम्बन्धित ट्रक प्राप्ति की पुष्टि प्राप्त होने तक उक्त ट्रक से प्रकाष्ट की निकासी न की जाय|
  • प्रयत्न किया जाय कि ट्रक में एक ही प्रजाति व नपत के नग लदान किये जाय| रवन्नों में नगों का विवरण सही-सही भरा जाय| आधे लदे ट्रकों की निकासी न दी जाय| 7.निकासी के समय प्रत्येक नग पर चौकीदार निकासी घन का प्रतिरूप लगाना सुनिश्चित करेंगे|

लौट में उत्पादित प्रकाष्ट के लौट की सीमा से पूर्ण रूपेण बाहर आ जाने पर इकाई अधिकारी, राजि अधिकारी को कार्य समाप्ति की सूचना देते हुए निर्धारित प्रारूप में लौट का त्यागपत्र प्रस्तुत करेगें| लाट के त्याग पत्र की प्रति प्रभागीय वनाधिकारी प्रभागीय लौगिग प्रबन्धक , अनुभाग अधिकारी को पृष्ठांकित की जायेगी| प्रभागीय वनाधिकारी की प्रति पंजीकृत पावती डाक से प्रेषित की जाएगी| त्याग-पत्र की सूचना के आधार पर प्रभागीय लौगिंग प्रबन्धक, प्रभागीय वनाधिकारियों को त्याग-पत्र स्वीकृति करने का अनुरोध करेगें|

लाटो से मुख्य डिपो को निकासी के सम्बन्ध में रवन्ना प्राप्ति का कार्य अनुभाग अधिकारी करेगें तथा निकासी कार्य ईकाई अधिकारी/स्केलर (निकासी) द्वारा सम्पादित किया जायेगा| राजि अधिकारी कार्यालय से रवन्ना पुस्तिका का पंजीकरण अनुभाग अधिकारी करायेगें तथा उक्त पुस्तिका में राजि अधिकारी/सक्षम अधिकारी के हस्ताक्षर प्राप्त कर इकाई अधिकारी को निकासी कार्य हेतु उपलब्ध करायेगें| इकाई अधिकारी स्केलर(निकासी) के माध्यम से निकासी कार्य सम्पादित करायेगे व दैनिक निकासी का विवरण एक पंजिका में अंकित करेंगे| इकाई अधिकारी मासिक निकासी का विवरण अनुभाग अधिकारी व राजि अधिकारी को प्रस्तुत करेंगे|

किसी भी लाट का विदोहन कार्य समाप्त होने के पश्चात इकाई अधिकारी वन निगम के निर्धारित प्रारूप में लाट समापन विवरण प्रभागीय लौगिंग प्रबन्धक को प्रस्तुत करेंगे व प्रति अनुभाग अधिकारी को पृष्ठांकित करेंगे|